Sanskrit Swayam Shikshak
A**G
Fanatsic book for beginnner!
Mere jaise log jo Sanskrit sikhna chahte h... Jinko na paper dena h koi pr bas apni ruchi k liye sikhna chahte hai... Wo logo k liye ati saral bhasha mei or sath hi notes diye jisse hissab se chal kr... Aap Sanskrit ko sikh lenge. Aapki jigagysa or apki lagan pr nirbhar h... Pr book aapko puri help kregi.
D**I
Nice book
Very useful book
A**R
For Beginners
Binding Ok , Good for beginners
N**S
संस्कृत स्वयं-शिक्षक’ नामक यह केवल एक पुस्तक ही नही अपितु एक संस्था है ।
वेदमूर्ति पं. श्रीपाद दामोदर सातवलेकर की गणना भारत के अग्रणी वेद तथा संस्कृत भाषा के विशारदों में की जाती है। वे सौ वर्ष से अधिक जीवित रहे और आजीवन इनके प्रचार-प्रसार का कार्य करते रहे। उन्होंने सरल हिन्दी में चारों वेदों का अनुवाद किया और ये अनुवाद देशभर में अत्यन्त लोकप्रिय हुए। इसके अतिरिक्त योग के आसनों तथा सूर्य नमस्कार का भी उन्होंने बहुत प्रचार किया।इस पुस्तक का नाम ‘संस्कृत स्वयं-शिक्षक’ है और जो अर्थ इस नाम से विदित होता है कि वही इसका कार्य है। किसी पंडित की सहायता के बिना हिन्दी जानने वाला व्यक्ति इस पुस्तक के पढ़ने से संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। जो देवनागरी अक्षर नहीं जानते, उनको उचित है कि पहले देवनागरी पढ़कर इस पुस्तक को पढ़ें। देवनागरी अक्षरों को जाने बिना संस्कृत भाषा बहुत कठिन है, अनेक वर्ष प्रयत्न करने से ही उसका ज्ञान हो सकता है। परन्तु वास्तव में विचार किया जाए तो यह भ्रम-मात्र है। संस्कृत भाषा नियमबद्ध तथा स्वभावसिद्ध होने के कारण सब वर्तमान भाषाओं में सुगम है। मैं यह कह सकता हूँ कि अंग्रेज़ी भाषा संस्कृत भाषा से दस गुना कठिन है। मैंने वर्षों के अनुभव से यह जाना है कि संस्कृत भाषा अत्यन्त सुगम रीति से पढ़ाई जा सकती है और व्यवहारिक वार्तालाप तथा रामायण-महाभारतादि पुस्तकों का अध्ययन करने के लिए जितना संस्कृति का ज्ञान चाहिए, उतना प्रतिदिन घंटा-आधा-घंटा अभ्यास करने से एक वर्ष की अवधि में अच्छी प्रकार प्राप्त हो सकता है, यह मेरी कोरी कल्पना नहीं, परन्तु अनुभव की हुई बात है। इसी कारण संस्कृत-जिज्ञासु सर्वसाधारण जनता के सम्मुख उसी अनुभव से प्राप्त अपनी विशिष्ट पद्धति को इस पुस्तक द्वारा रखना चाहता हूँ।हिन्दी के कई वाक्य इस पुस्तक में भाषा की दृष्टि से कुछ विरुद्ध पाए जाएँगे, परन्तु वे उस प्रकार इसलिए लिखे गए हैं कि वे संस्कृतवाक्य में प्रयुक्त शब्दों के क्रम के अनुकूल हों। किसी-किसी स्थान पर संस्कृत के शब्दों का प्रयोग भी उसके नियमों के अनुसार नहीं लिखा है तथा शब्दों की संधि कहीं भी नहीं की गई है। यह सब इसलिए किया गया है कि पाठकों को भी सुभीता हो और उनका संस्कृत में प्रवेश सुगमता पूर्वक हो सके। पाठक यह भी देखेंगे कि जो भाषा शैली की न्यूनतम् पहले पाठों में है, वह आगे पाठों में नहीं है। भाषा शैली की कुछ सुगमता के लिए जानबूझकर रखी गई है, इसलिए पाठक उसकी ओर ध्यान न देकर अपना अभ्यास जारी रखें, ताकि संस्कृत-मंदिर में उनका प्रवेश भली-भाँति हो सके।पाठकों को उचित है कि वे न्यून-से-न्यून प्रतिदिन एक घंटा इस पुस्तक का अध्ययन किया करें और जो-जो शब्द आएँ उनका प्रयोग बिना किसी संकोच के करने का यत्न करें। इससे उनकी उन्नति होती रहेगी।जिस रीति का अवलम्बन इस पुस्तक में किया गया है, वह न केवल सुगम है, परन्तु स्वाभावुक भी है, और इस कारण इस रीति से अल्प काल में और थोड़े-से परिश्रम से बहुत लाभ होगा।यह मैं निश्चयपूर्वक कह सकता हूँ कि प्रतिदिन एक घण्टा प्रयत्न करने से एक वर्ष के अन्दर इस पुस्तक की पद्धति से व्यावहारिक संस्कृत भाषा का ज्ञान हो सकता है। परन्तु पाठक को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि केवल उत्तम शैली से ही काम नहीं चलेगा, पाठकों का यह कर्तव्य होगा कि वे प्रतिदिन पर्याप्त और निश्चित समय इस कार्य के लिए अवश्य लगा करें, नहीं तो कोई पुस्तक कितनी ही अच्छी क्यों न हो, बिना प्रयत्न किए पाठक उससे पूरा लाभ नहीं उठा सकते।
G**I
Good book to start from the basics
A**
The most ancient language of this world
A must read book and a must learn language for all especially indian citizens as it will unlock all the actual meanings hidden in our ancient scriptures like bhagwad geeta, veda and upanishads. I request all of you to buy this book and learn this language . We all are becoming westerners these days but we don't know that they are very smart they are copying our dharma and practicing it in their society .the work which was meant for the Indians first to read ,grasp and expand it ,that work they are doing and dominating our world. We are better than that .Just remember our cultural heritage, we should be proud that our nation is the only one in this entire world which has given these splendor ,elegant and priceless jewels which are navigating humanity.
S**A
Most useable book in sanskrit
Its help to learn sanskrit
T**H
Missing pages
Page 16 to page 32 missing from the bookLesson 3 to 8 are missing . So how to learn sanskrit perfectly .
T**I
Sanskrit is easy
Sanskrit is a very aligned language. It’s the language used in AI. This book makes it easy to learn Sanskrit but you have to be proficient in Hindi. This book is specifically written for Hindi readers. I’m sure an English speaker book is in the works
S**E
On time and protected well
I was searching this book in many sites but all were but expensive than I thought, so I waited for a while and found this seller who was selling at reasonable price.As it was international delivery it took bit longer but was within the time frame, worth to wait for.Hope this book helps me in my spiritual journey. Cheers.
A**G
Nice
Good book to learn basic sanskrit for those who know hindi.
Trustpilot
2 weeks ago
2 months ago